कविता: छोटी छोटी सी प्यार की बातें

आज की कविता प्यार के छोटे छोटे से क्षणों पर, जो हम सबकी जिन्दगी में होतें हैं, लेकिन जिनका महत्त्व कभी कभी हम भूल जाते हैं|


प्रतिमा: कृष्णमोहिनी

एक छोटीसी कविता थी हमारा प्यार
और आज
बन गई है मेरी जिन्दगी

छोटी छोटी सी थी वो बातें
जो तुम कहते थे
और आज
बन गई है वही प्यार की सौगात  

एक छोटासा था इजहार
तुम्हारे दिल में
और आज बन गया है
बहता श्वास हमारी जिन्दगी में

छोटे छोटे से ही तो थे वो ख़त
जो तुम लिखते थे
मेरे लिए बन गए हैं प्यार के तराने

छोटे छोटे से ही तो थे वे पल
जो तुम लाते थे
आज बन गए है प्यार के अफसाने

छोटीसी ही तो थी वो मुस्कान
जब तुम राह में मिलते थे
आज हमारी जिन्दगी ही है मुस्कराहट बन गई

छोटी छोटी सी ही तो थी
हमारी लड़ाइयाँ
आज बन गई है
हमारे प्यार की कहानियां

तुम्हारी छोटी छोटी सी
प्यारभरी सीख
आज बन गई है
मेरी कविता की प्रेरणा

छोटे छोटे से तुम्हारे ताने
मुस्कुराते थे मुझे
आज भी यही तो हैं जीने के बहाने

छोटी छोटी सी तुम्हारी डांट
कितनी प्यारी लगती थी
बस इसी के सामने तो मैं हार गई

छोटे छोटे से तुम्हारे झूठ
भोले भाले
आज भी पकडती हूँ मैं ,
बस तुम्हे पता नहीं 

छोटा छोटा सा तुम्हारा गुस्सा
सिर्फ आँखों में ही रहता था
आज बन गया है हमारा प्यार
प्यार से भी बढ़कर प्यार 

छोटी छोटी तुम्हारी ज्ञान की बातें
जीवन जीना मैंने
तुमसे ही है तो सीखा

मीठी मीठी से वो तड़प
जो तुम छुपाते थे
मेरी आँखों से  भी क्या कभी छूटी है

छोटी बड़ी बातों में
तुम्हारा साथ
तुम्हारा प्यार
तुम कहो न कहो
तुम्हारा भोला प्यार
यही तो है मेरी जिन्दगी की शक्ति

छोटी छोटी से
मेरी यह कविता
गीत है हमारे प्यार का
हमारी जिन्दगी का

दुनिया समझे न समझे
छोटा छोटा सा ही सही
हम दोनों का अपना है यह प्यार का आशियाना

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