प्रेम के दिव्यत्व की अनुभूति आध्यात्मिक होती है। एकत्व का यह भाव भौतिकता से परे होता है। प्रेम के एकत्व पर चैतन्यपूजा में नई कविता 'एकत्व हमारा'। इस कविता की प्रेरणा हमारे फोटोब्लॉग कृष्णमोहिनी पर पोस्ट किया डिजिटल पेंटिंग है। इस पेंटिंग का विषय 'एकत्व - टुगेदरनेस' ही है। कला के रूप भिन्न भिन्न हो तो भी मूलतः कला का स्वरुप एक ही होता है चाहे वह पेंटिंग हो या काव्य, या संगीत।
स्थित रुधिर वाहिनीयों पर
स्थापित है प्रेम हमारा
प्राण जिसका है
एकत्व हमारा,
एकतत्व हमारा
नूतन, नित्य, शुद्ध
बहता प्रति क्षण
प्राणवायु बनकर मेरे हृदय का
एकतत्व हमारा
प्रेमतत्त्व हमारा
एकत्व हमारा
चिरन्तन स्वरूप अनंत का
@mohinipuranik
चिरन्तन स्वरूप अनंत का
@mohinipuranik
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- Hindi: Ekatva Hamara
- Marathi: Ekatva Aapule
- Sanskrit: Asmakam Ekatvah
- Artwork: Togetherness
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